अपनी मनमानी करने वाले Private स्कूल अब फंसे मुश्किल में ,जल्द देना होगा जबाब
मलेरकोटलाः (प्रजातंत्र शक्ति, शर्मा): निजी स्कूल की मनमानी से बच्चे के डिप्रेशन में जाने वाले मामले में अभिभावकों को लम्बे संघर्ष के बाद अब इंसाफ हेतु आशा की छोटी सी किरण नजर आ रही है। क्योंकि मंत्रियों-अधिकारियों से लम्बी गुहार के पश्चात आखिरकार शिक्षा विभाग पंजाब ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया तथा 7 दिनों में जवाबदेही नहीं देने पर स्कूल मान्यता, एम.ओ.सी.रद्द करने के लिए सी.बी.एस.सी. को लिखने बारे भी सचेत किया है।
इस संबंधी पीड़ित बच्चे माधव जिंदल के पिता साहित जिंदल ने बताया कि स्कूल ने 3 महीनों की एडवांस फीस भरने का फरमान जारी करके बच्चे का आन लाइन होमवर्क भेजना बंद कर दिया। फिर बच्चे का स्कूल से नाम काटकर आन लाइन व्हटसअप ग्रुप एप से भी बाहर कर दिया। जिससे बच्चा बहुत ही ज्यादा तनावग्रस्त हो गया तथा परिवार ने कई बड़े अस्पतालों में महंगा इलाज करवाकर उसकी मानसिक स्थिति को संभालने के अन्थक प्रयास किए वहीं लोकतांत्रिक देश में इंसाफ के लिए दर्जनों ज्ञापन भेजने, भूथ हड़ताल पर बैठनो को मजबूर होना पड़ा है। इसी तहत शिक्षा विभाग पंजाब को पूर्ण तथ्य आधारित शिकायतें भेजी गई तो अब डायरैक्टर शिक्षा विभाग पंजाब ने स्कूल चेयरमैन, प्रिंसिपल को माननीय हाईकोर्ट के आदेश की उल्लंघना करके बच्चे से फीस मांगने, नाम काटने, आन लाइन होमवर्क नहीं भेजने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जिसके अनुसार सभी गैर सरकारी शिक्षा संस्थाएं अभिभावकों को महीना वार, तिमाही के आधार पर फीस जमा करवाने का अधिकार' देंगे जबकि शिकायतकर्त्ता अनुसार स्कूल ने हाईकोर्ट के आदेश विभाग की हिदायत की उल्लंघना करके जबरदस्ती फीस भरने के लिए मजबूर किया है। वहीं स्कूल प्रबंधकों ने मंत्रियों- अधिकारियों के खिलाफ भद्दी शब्दावली का प्रयोग किया जिसकी ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसलिए विभाग ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया तथा 7 दिनों में स्पष्टीकरण नहीं देने पर सी.बी.एस.ई. नई दिल्ली को स्कूल की एन.ओ.सी. रद्द ऐफीलेशन खत्म करने की सिफारिश सहित नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई करने की बात भी लिखी है। उधर, विभाग के इस पत्र से सैंकड़ों अभिभावकों को मानसिक आर्थिक परेशानी से छुटकारा मिलने के आसार नजर आ रहे है तथा शिक्षा माफिया पर भी नकेल कसने की उम्मीद बनी है।
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