यात्रा इतिहास बताने पर ही होंगे माँ चिंतपूर्णी दर्शन
ऊना (प्रजातंत्र शक्ति ब्यूरो, रिंकू): प्रसिद्ध शक्तिपीठ माँ चिंतपूर्णी मंदिर को खोलने को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। श्रद्धालुओं को माता रानी के दर्शन सुरक्षित तरीके से करवाने को लेकर मंदिर प्रशासन ने लगभग सारी व्यवस्था कर ली है। मां चिंतपूर्णी के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले मंदिर ट्रस्ट की नई इमारत चिंतपूर्णी सदन में पहुंचना होगा। जहां इन्हें पहले यात्रा इतिहास बताने होंगे। इसके बाद ही लोगों को दर्शन का लाभ प्राप्त होगा। वहीं, सदन से ही प्रशासन की तरफ से सारी व्यवस्था का संचालन किया जाएगा।
मां चिंतपूर्णी के भक्तों का पंजीकरण होने के बाद ही उन्हें आगे भेजा जाएगा। चिंतपूर्णी सदन की इमारत के बाहर एंट्री गेट पर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से पानी की टंकी भी लगवा दी गई है, ताकि जो भी श्रद्धालु यहां आए, वह अपने हाथ पैर धो सके। चिंतपूर्णी सदन में प्रवेश करते ही थर्मल स्कैनिंग होगी। इसके बाद परमिट बनाकर मंदिर में दर्शन के लिए भेजा जाएगा। जहां मंदिर में सोशल डिस्टेंस के साथ श्रद्धालुओं को एक मिनट से ज्यादा मत्था टेकने की अनुमति नहीं होगी।
जिला प्रशासन ने ये भी साफ कर दिया है कि जो श्रद्धालु माता रानी के दर्शनों को आएगा, वह रात को किसी भी सराय और होटल में नहीं रूक सकेगा। सिर्फ उसी श्रद्धालु को रात को ठहरने की इजाजत होगी, जिसने दो दिन की बुकिंग करवा रखी है। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने मंदिर में लगी सभी घंटियों को ऊंचाई पर टांग दिया है।
ग्रुप बनाकर श्रद्धालुओं को माता रानी के दर्शनों के लिए भेजा जाएगा। हर दो से तीन घंटे बाद चिंतपूर्णी सदन, मंदिर भवन और बाजार को सैनिटाइज किया जाएगा। श्रद्धालु अपने जूते, चप्पल या तो गाडिय़ों में छोडक़र आएंगे या पुराने बस स्टैंड पर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से लगे जूता स्टैंड में अपने जूते रख सकेंगे। मंदिर खुलने से पहले डीसी ऊना खुद चिंतपूर्णी आकर सारी व्यवस्थाओं का एक बार निरीक्षण करेंगे। उधर, एडीसी ऊना अमित कुमार ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर खुलने से पहले अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। श्रद्धालुुओं को मंदिर में दर्शन करने के लिए सुबह से शाम एक समय निर्धारित किया जाएगा।
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